भारतजननी सुखखनि साजो

भारतजननी सुखखनि साजो
तद्विभवाने स्वर्गहि लाजो।। भारत....।।

स्वातंत्र्याची अमृतधारा
प्राशुन निशिदिन रुचिर विराजो।। भारत....।।

विद्यावैभववाङमयशास्त्रे
कलादिकांचा डंका वाजो।। भारत....।।

पावन मोहन सुंदर शोभून
नाम तिचे शुभ भुवनी गाजो।। भारत....।।

दिव्य शांतिची अमृत-सु-धारा
संतप्त जगा सतत पाजो।। भारत....।।


कवी - साने गुरुजी
कवितासंग्रह - पत्री
- अमळनेर, १९२९

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