आरती ज्ञानराजा | महाकैवल्यतेजा |
सेविती साधुसंत | मनु वेधला माझा |
आरती ज्ञानराजा ||धृ०||
लोपलें ज्ञान जगीं | हित नेणती कोणी |
अवतार पांडुरंग | नाम ठेविलें ज्ञानी || १ ||
कनकाचे ताट करीं | उभ्या गोपिका नारी |
नारद तुंबरही | साम गायन करी || २ ||
प्रगट गुह्य बोले | विश्व ब्रह्याचे केलें |
रामा जनार्दनी | पायीं मस्तक ठेविलें || ३ ||
रचनाकर्ते - समर्थ रामदास स्वामी
सेविती साधुसंत | मनु वेधला माझा |
आरती ज्ञानराजा ||धृ०||
लोपलें ज्ञान जगीं | हित नेणती कोणी |
अवतार पांडुरंग | नाम ठेविलें ज्ञानी || १ ||
कनकाचे ताट करीं | उभ्या गोपिका नारी |
नारद तुंबरही | साम गायन करी || २ ||
प्रगट गुह्य बोले | विश्व ब्रह्याचे केलें |
रामा जनार्दनी | पायीं मस्तक ठेविलें || ३ ||
रचनाकर्ते - समर्थ रामदास स्वामी
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा