भूषण जगताला होइल, भूषण जगताला
भारत मिळवुन श्रेष्ठ पदाला।। भूषण....।।
विद्या येतिल कलाहि येतिल
भारत जरि हा स्वतंत्र झाला।। भूषण....।।
शिकविल समता, स्नेह, सुजनता
देइल जगता शांतिसुखाला।। भूषण....।।
प्रेमाच्या स्वर्गास विनिर्मिल
पूजिल मग शुभ प्रभुपद-कमला।। भूषण....।।
कवी - साने गुरुजी
कवितासंग्रह - पत्री
- अमळनेर, ऑगस्ट १९३१
भारत मिळवुन श्रेष्ठ पदाला।। भूषण....।।
विद्या येतिल कलाहि येतिल
भारत जरि हा स्वतंत्र झाला।। भूषण....।।
शिकविल समता, स्नेह, सुजनता
देइल जगता शांतिसुखाला।। भूषण....।।
प्रेमाच्या स्वर्गास विनिर्मिल
पूजिल मग शुभ प्रभुपद-कमला।। भूषण....।।
कवी - साने गुरुजी
कवितासंग्रह - पत्री
- अमळनेर, ऑगस्ट १९३१
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